google-site-verification=V7DUfmptFdKQ7u3NX46Pf1mdZXw3czed11LESXXzpyo पत्र कैसे लिखें? अच्छा पत्र लिखने के तरीके क्या है? Skip to main content

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What is the right in the Indian constitution? Or what is a fundamental right? भारतीय संविधान में अधिकार क्या है ? या मौलिक अधिकार क्या है ?

  भारतीय संविधान में अधिकार क्या है   ? या मौलिक अधिकार क्या है ?   दोस्तों आज के युग में हम सबको मालूम होना चाहिए की हमारे अधिकार क्या है , और उनका हम किन किन बातो के लिए उपयोग कर सकते है | जैसा की आप सब जानते है आज कल कितने फ्रॉड और लोगो पर अत्याचार होते है पर फिर भी लोग उनकी शिकायत दर्ज नही करवाते क्यूंकि उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी ही नहीं होती | आज हम अपने अधिकारों के बारे में जानेगे |   अधिकारों की संख्या आप जानते है की हमारा संविधान हमें छ: मौलिक आधार देता है , हम सबको इन अधिकारों का सही ज्ञान होना चाहिए , तो चलिए हम एक – एक करके अपने अधिकारों के बारे में जानते है |     https://www.edukaj.in/2023/02/what-is-earthquake.html 1.    समानता का अधिकार जैसा की नाम से ही पता चल रहा है समानता का अधिकार मतलब कानून की नजर में चाहे व्यक्ति किसी भी पद पर या उसका कोई भी दर्जा हो कानून की नजर में एक आम व्यक्ति और एक पदाधिकारी व्यक्ति की स्थिति समान होगी | इसे कानून का राज भी कहा जाता है जिसका अर्थ हे कोई भी व्यक्ति कानून से उपर नही है | सरकारी नौकरियों पर भी यही स

पत्र कैसे लिखें? अच्छा पत्र लिखने के तरीके क्या है?

पत्र लेखन :- मानव समाज के सभी कार्यों में आपसी संपर्क और बात करने को आवश्यकता होती हैं। पर हर कार्य के लिए सदा सामने बैठकर बात करना संभव नहीं होता। अतः मनुष्य को अनेक कार्यों के लिए पत्र - व्यवहार की आवश्यकता होती है। पत्र - लेखन एक कला है। एक अच्छा पत्र वह है जिससे प्राप्तकर्ता पूरी बात स्पष्ट रूप से समझ जाए।



आवश्यक नियम :- एक अच्छे पत्र में निम्नलिखित गुण होने चाहिए -
1. सभी बातें क्रमबद्ध होनी चाहिए , जिससे कि एक के बाद दूसरी बात का परस्पर संबंध स्पष्ट हो।
2. भाषा शुद्ध और सरल हो और जो कहना हो वह स्पष्ट हो।
3. केवल आवश्यक बातें ही हो जिससे कि मुख्य तात्पर्य पर दृष्टि रहे।
4. कई बातें कहनी हो तो प्रत्येक को स्पष्ट रूप रखने के लिए , प्रत्येक बात के लिए अलग - अलग अनुच्छेद हो।
5. एक ही बात बार - बार नहीं दोहरानी चाहिए।
6. पत्र एक दम से नहीं समाप्त करना चाहिए बल्कि उसमे समाप्ति की पूर्ण भावना होनी आवश्यक है।



पत्र के भाग 

पत्र के निम्नलखित भाग होते हैं-
1. शीर्षक अर्थात् लेखक का पता तथा तिथि। यह बाएं हाथ की ओर कोने में सबसे ऊपर होना चाहिए। यदि पत्र औपचारिक अथवा व्यपार या कार्य सम्बन्धी है या सरकार के किसी अधिकारी को है, तो पाने वाले का पता भी अपने पते से नीचे दाएं हाथ के कोने में होना चाहिए।
2. संबोधन।
3. पत्र का विषय।
4. शिष्टाचार पूर्ण अंत।
5. हस्त्क्षार - (लिखने वाले का नाम स्पष्ट हो जो पढ़ा जा सके)।

उदहारण :-

पता ----------------------------------,
      -----------------------------------,
दिनांक--------------------------

मेरे प्रिय --------------------------------,

                      ------------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------।

तुम्हारा प्रिय,
---------------------------
---------------------------



पत्रो के प्रकार :-

1. अनौपचारिक पत्र :- प्राय : औपचारिक पत्र ही अधिक लिखे जाते है। इस प्रकार के पत्र अपने सगे - संबंधियों अथवा मित्रो को लिखे जाते है। इनमे अपना पन अधिक होता है। इनमे केवल इसी बात का ध्यान रखा जाता है कि दिल की बात दिल तक पहुंच जाए , भाषा और क्रम कैसे भी हो। माता - पिता या बड़े - बुजुर्गो के लिए कुछ औचारिकता तो उचित है, परन्तु मित्रो के लिए आवश्यक नहीं है।


2. औपचारिक पत्र:- औपचारिक पत्र को व्यापारिक पत्र भी कहते है। समाज का सारा कारोबार इन्हीं से चलता है। अतः अपना कार्य शीघ्र और सरलतापूर्वक हो जाए इसके लिए इन पत्रों में निमनलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
(I) औचारिक पत्र तुरन्त लिखे जाने चाहिए। विलंब करने से हानि की संभावना रहती है।
(II) पत्र हर प्रकार से सूखकर होना चाहिए। अपना कार्य शीघ्र और इच्छानुसार हो जाए इसके लिए पत्र प्राप्त करने वाले की प्रसन्नता का बड़ा महत्व होता है।
(III) पत्र स्पष्ट तथा सरल हो जिसमें लेखक का तात्पर्य ठीक - ठीक समझ में आ जाए। इसके लिए हाशिया , अनुच्छेद आदि का ध्यान रखना चाहिए। लिखने से पहले कच्चा पत्र तैयार कर लेना अच्छा होता है। इससे काट - छांट नहीं करनी पड़ती।
(IV) केवल आवश्यक सूचना ही ठीक प्रकार देनी चाहिए, अनर्गल बात नहीं।
(V) औचारिक पत्र ऐसा होना चाहिए कि उससे लेखक के ह्रदय की सच्चाई प्रकट हो। कठोर बात भी लिखनी हो तो विन्रम भाषा में लिखनी चाहिए, व्यंगपूर्ण भाविभियक्ती कभी नहीं होनी चाहिए।


विशेष :-

ऊपर अपना पता और तिथि लिखते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि-
1. प्रत्येक लाइन एक स्थान से प्राम्भ हो।
2. मकान न. के बाद कॉमा (,) न हो।
3. प्रत्येक लाइन के अंत में कॉमा (,) हो परन्तु अंत में नगर के पश्चात कॉमा आदि कुछ न  हो। 
4. तिथि को इस प्रकार लिखना चाहिए - अप्रैल 1, 2020
5. संबोधन, तिथि से नीचे वाली लाइन में बाएं हाथ कि ओर होना चाहिए।

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