google-site-verification=V7DUfmptFdKQ7u3NX46Pf1mdZXw3czed11LESXXzpyo नई शिक्षा नीति 2020 क्या है और इसके क्या फायदे है Skip to main content

Featured

What is the right in the Indian constitution? Or what is a fundamental right? भारतीय संविधान में अधिकार क्या है ? या मौलिक अधिकार क्या है ?

  भारतीय संविधान में अधिकार क्या है   ? या मौलिक अधिकार क्या है ?   दोस्तों आज के युग में हम सबको मालूम होना चाहिए की हमारे अधिकार क्या है , और उनका हम किन किन बातो के लिए उपयोग कर सकते है | जैसा की आप सब जानते है आज कल कितने फ्रॉड और लोगो पर अत्याचार होते है पर फिर भी लोग उनकी शिकायत दर्ज नही करवाते क्यूंकि उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी ही नहीं होती | आज हम अपने अधिकारों के बारे में जानेगे |   अधिकारों की संख्या आप जानते है की हमारा संविधान हमें छ: मौलिक आधार देता है , हम सबको इन अधिकारों का सही ज्ञान होना चाहिए , तो चलिए हम एक – एक करके अपने अधिकारों के बारे में जानते है |     https://www.edukaj.in/2023/02/what-is-earthquake.html 1.    समानता का अधिकार जैसा की नाम से ही पता चल रहा है समानता का अधिकार मतलब कानून की नजर में चाहे व्यक्ति किसी भी पद पर या उसका कोई भी दर्जा हो कानून की नजर में एक आम व्यक्ति और एक पदाधिकारी व्यक्ति की स्थिति समान होगी | इसे कानून का राज भी कहा जाता है जिसका अर्थ हे कोई भी व्यक्ति कानून से उपर नही है | सरकारी नौकरियों पर भी यही स

नई शिक्षा नीति 2020 क्या है और इसके क्या फायदे है

 नई शिक्षा नीति 2020


नई शिक्षा नीति का सम्पूर्ण विश्लेषण


- 34 वर्षों बाद भारत में नई शिक्षा नीति की घोषणा की गई है।

- बदली गई शिक्षा नीति में 12 वी तक की पढ़ाई को 5+3+3+4 हिस्सो में बांटा गया है।



5+3+3+4 क्या है पूरी जानकारी :- 


1. पहले 5 वर्षों की पढ़ाई foundation stage रहेगी ।

 - Pre primary के 3 और पहली , दूसरी कक्षा के 2 साल में होगी पढाई ।

 - खेलकूद और अन्य गतिविधियों की होगी पढ़ाई ।

 - 5 वीं कक्षा तक की पढ़ाई मातृ - भाषा में होगी ।

     > अंग्रेजी में पढ़ाई कि अनिवार्यता नहीं रहेगी । यह बहुत बड़ा बदलाव है ।

     > अंग्रेजी सिर्फ एक विषय के तौर पर पढ़ाई जाएगी। 

     = नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों का जबरदस्ती अंग्रेजी - करण का दौर समाप्त हो जाएगा ।

- तीसरी कक्षा से पांचवीं कक्षा तक की कक्षाओं की पढ़ाई से छात्रों को भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा ।

    > इसमें आने वाले परिचय - 

    विज्ञान , गणित , कला , समाजिक विज्ञान जैसे विषय पढ़ाएंगे।

    

2.  कक्षा छठी से आठवीं तक की पढ़ाई Middle stage होगी ।

- इसके तहत छात्रों को निश्चित पाठ्यक्रम पर पढ़ाया जाएगा ।

- छठी कक्षा में पहुंचने के बाद छात्रों को Computer Coding  सीखने का मौका मिलेगा , यानि भारत के छात्र चीन जैसे देशों के तर्ज पर छोटी उम्र में ही सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप्लिकेशन बनाने की तकनीक सीख पायेंगे।

- छठी कक्षा से ही छात्रों को Intership का मौका मिलेगा यानि छात्र की किसी खास विषय में रुचि है और वह उसकी प्रैक्टिकल नॉलेज हासिल करना चाहता है तो वह इस विषय जुड़ी Intership कहीं से भी कर सकता है ।

    जैसे :-  अगर कोई बच्चा पेंटिंग करने का शौक रखता है तो वह किसी पेंटर के पास जाकर Intership के लिए जा सकता है या कोई बच्चा सॉफ्टवेयर में शौक रखता है तो वह स्कूल के दौरान ही सॉफ्टवेयर कम्पनी में Intership कर सकता है।


https://www.edukaj.in/2020/07/letter-on-covid-19.html



3. कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक पढ़ाई लास्ट स्टेज होगी ।

 - इसमें छात्रों में किसी विषय के प्रति गहरी समझ पैदा की जाएगी ।

 - उनकी विश्लेषण क्षमता को बढ़ाया जाएगा।

 - उन्हें जीवन में बड़े लक्ष्य प्रतारित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा ।

 - स्कूलों से स्ट्रीम सिस्टम खत्म , इसके तहत अगर आर्ट्स का छात्र बायोलॉजी की पढ़ाई करना चाहता है तो वह ऐसा कर सकता है। और अगर कॉमर्स का छात्र इतिहास पढ़ना चाहता है तो वो भी ऐसा कर सकता है।

 - खास पुल बनाकर विषय चुनने कि आजादी रहेगी ।


> कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक की परीक्षाएं 


कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक की परीक्षाएं सेमेस्टर सिस्टम के आधार पर होगी ।

- इसके तहत साल में दो सेमेस्टर होगे और हर 6 महीने पर एक परीक्षा होगी और दोनों सेमेस्टर के अंकों को जोड़कर फाइनल मार्कशीट तैयार की जाएगी।

      यानि अब एक छात्र के तौर पर आपको पूरे साल पढ़ाई करनी होगी आप यह कह कर बच नहीं सकते की आप सिर्फ फाइनल एग्जाम की तैयारी करना चाहते है । इससे पहले आपने देखा होगा बहुत सारे छात्र ऐसे होते है जो साल के अंत में एक - दो महीने पढ़ाई करते है फिर फाइनल एग्जाम में बैठते है और उसमें से बहुत से छात्र अच्छे नंबर ले आते है , पर बहुत से छात्रों को निराशा हाथ लगती है ।



बोर्ड परीक्षा


- नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड परीक्षा को आसान बनाया जाएगा और छात्रों की क्षमता पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा ।

- रटने की क्षमता नहीं समझने को क्षमता पर ध्यान दिया जाएगा।

- ट्यूशन और कोचिंग क्लास के जरिए रट्टा लगाने वाली आदत को समाप्त कर दिया जाएगा।

- बोर्ड परीक्षा अपनी पसंद कि भाषा में दे सकते है।



रिपोर्ट कार्ड -


छात्रों के रिपोर्ट कार्ड को भी अब पहले की तरह नहीं किया जाएगा। किसी भी छात्र को फाइनल मार्क्स देते समय उसके व्यवहार , Extra circular activity , उसके प्रदर्शन , ओर उसकी मानसिक क्षमता का भी ध्यान रखा जाएगा।

- इसके अलावा रिपोर्ट कार्ड को 360 डिग्री Assesment के आधार पर तैयार किया जाएगा।

- इसमें छात्र खुद को भी अंक देंगे यानि अपना खुद का भी विश्लेषण करेगे।

- विषय पढ़ाने वाले शिक्षक भी छात्र को अंक देंगे , और छात्रों के सहपाठी भी उनका आंकलन करेंगे ।



4. कॉलेज छात्रों के लिए नई शिक्षा नीति में बदलाव :- 


अब देश के छात्र कॉलेज में एडमिशन के लिए  Common Aptitude Test दे सकेंगे । इसका अर्थ यह है कि अगर 12 वी कक्षा के बोर्ड परीक्षा में आपके ठीक अंक नहीं आए है या आपके मार्क्स इतने नहीं आए है कि आपको Cut off percentage के आधार पर सीधे किसी कॉलेज में एडमिशन में मिल जाए तो आप 

Common Aptitude Test भी से सकते है और फिर इस टैस्ट में आपके प्रदर्शन को आपकी 12 वी कक्षा के मार्क्स के साथ जोड़कर दिया जाएगा और उस आधार पर आपको आपके मनपसंद कॉलेज में एडमिशन मिल जाएगा।


- ग्रेजुएशन की पढ़ाई को तीन और चार वर्षो के course duration में बांट दिया गया।

- पहले अगर आप कॉलेज कि पढ़ाई बीच में छोड़ देते थे तो आपको कोई भी certificate नहीं मिलता था पर अब ऐसा नहीं है । नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद अपने पढ़ाई बीच में छोड़ी तो आपको certificate मिलेगा ।

- 2 साल के बाद पढ़ाई छोड़ी तो dipoloma मिलेगा ।

- 3 साल में पढ़ाई छोड़ी तो Bachelor degrees मिलेगी ।

- 4 साल का course करने के बाद Bachelor degree लेना चाहते है तो आपको Research के Certificate के साथ यह Degree मिलेगी । इससे उन छात्रों को बहुत फायदा होगा जो कॉलेज के दौरान किसी Project पर काम कर चुके है।

- 4 वर्ष के Course में स्कूल के छात्रों की तरह कॉलेज के छात्र भी अलग - अलग विषयों की पढ़ाई एक साथ कर पाएंगे ।

       इस व्यवस्था को Multi Entry और Multi Exit वाली व्यवस्था कहा जाता है  

       यानि छात्र जिस विषय की पढ़ाई करना चाहेंगे तो वह ऐसा कर सकेगे और जब वह यह पढ़ाई छोड़ना चाहेगें तो छोड़ भी सकते है इसीलिए इसे Multi Entry और Multi Exit कहा गया है ।

- इसके अलावा Acadmic Bank of Credit इसके तहत अगर आप एक से ज्यादा Course एक साथ करना चाहते है तो आप ऐसा कर पाएंगे और जिस Course को आप जहां तक Complete करेंगे उसके अंक इस Credit Bank में जमा हो जायेंगे और फिर जब आप कोई Final Degree के लिए कोई Course करेंगे तो उस Credit को इसमें जोड़ दिया जाएगा।


https://www.edukaj.in/2020/07/education-problem-during-corona-virus.html


     यह पूरी व्यवस्था पूरी तरीके से Digital और Online होगी।


34 साल बाद शिक्षा नीति के इस बदलाव से सभी छात्र और उनके अभिभावक के लिए बहुत अधिक फायदेमंद है । 



 


Comments