google-site-verification=V7DUfmptFdKQ7u3NX46Pf1mdZXw3czed11LESXXzpyo राष्ट्रीय आय से आप क्या समझते है? राष्ट्रीय आय के आंकलन की आय विधि का वर्णन करें। What do you understand by national income? Describe the income method of estimating national income. Skip to main content

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What is the right in the Indian constitution? Or what is a fundamental right? भारतीय संविधान में अधिकार क्या है ? या मौलिक अधिकार क्या है ?

  भारतीय संविधान में अधिकार क्या है   ? या मौलिक अधिकार क्या है ?   दोस्तों आज के युग में हम सबको मालूम होना चाहिए की हमारे अधिकार क्या है , और उनका हम किन किन बातो के लिए उपयोग कर सकते है | जैसा की आप सब जानते है आज कल कितने फ्रॉड और लोगो पर अत्याचार होते है पर फिर भी लोग उनकी शिकायत दर्ज नही करवाते क्यूंकि उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी ही नहीं होती | आज हम अपने अधिकारों के बारे में जानेगे |   अधिकारों की संख्या आप जानते है की हमारा संविधान हमें छ: मौलिक आधार देता है , हम सबको इन अधिकारों का सही ज्ञान होना चाहिए , तो चलिए हम एक – एक करके अपने अधिकारों के बारे में जानते है |     https://www.edukaj.in/2023/02/what-is-earthquake.html 1.    समानता का अधिकार जैसा की नाम से ही पता चल रहा है समानता का अधिकार मतलब कानून की नजर में चाहे व्यक्ति किसी भी पद पर या उसका कोई भी दर्जा हो कानून की नजर में एक आम व्यक्ति और एक पदाधिकारी व्यक्ति की स्थिति समान होगी | इसे कानून का राज भी कहा जाता है जिसका अर्थ हे कोई भी व्यक्ति कानून से उपर नही है | सरकारी नौकरियों पर भी यही स

राष्ट्रीय आय से आप क्या समझते है? राष्ट्रीय आय के आंकलन की आय विधि का वर्णन करें। What do you understand by national income? Describe the income method of estimating national income.


राष्ट्रीय आय से आप क्या समझते है? राष्ट्रीय आय के आंकलन की आय विधि का वर्णन करें।



राष्ट्रीय आय किसी देश की ओर से एक साल में उत्पादित सभी वस्तुओ और सेवाओं की कीमत ( प्रप्ति ) होती है । जितनी ज्यादा राष्ट्रीय आय होगी उसी के अनुसार किसी भी अर्थव्यवस्था या देश का विकास आगे बढ़ता है। राष्ट्रीय आय के आंकड़ों से यह जाना जा सकता है कि किसी देश का विकास कितनी तेजी से बढ़ रहा है । राष्ट्रीय आय को सफल घरेलू उत्पाद भी कहा जाता है। 


(क) आय विधि द्वारा सकल घरेलू उत्पाद की गणना - उत्पादन की प्रक्रिया निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसमें उत्पादन के विभिन्न साधनों की सहायता से वस्तुओ व सेवाओं का उत्पादन किया जाता है। उत्पादन के इन साधनों को बदले में साधन आय प्राप्त होती है , जैसे :- किराया , मजदूरी जिन्हे हम सामान्यता साधन आय कहते है। राष्ट्रीय आय को उत्पादकों द्वारा साधनों को किए हुए भुगतानो को जोड़कर ज्ञात किया जा सकता है। एक लेखा वर्ष में देश कि सीमाओं में घरेलू साधन आय का जोड़ सदैव शुद्ध मूल्य वृद्धि के समान होता है।


    साधन आय के स्रोत - 

(1) घरेलू साधन आय - इसको तीन वर्गो में बांटा जाता है , जैसे -


(i) कर्मचारियों का परिश्रमिक - कर्मचारियों को नकद व जिंस के रूप में मजदूरी व वेतन के भुगतान एवं मालिकों द्वारा सामाजिक सुरक्षा अभिदान , निजी पेंशन , दुर्घटना बीमा आदि का भुगतान है।


(ii) परिचालक अधिशेष - इसका अभिप्राय यह है कि एक फर्म द्वारा उत्पादन प्रक्रिया के दौरान किराया , ब्याज व लाभ के रूप में संपति व उद्यमवृत्ति से प्राप्त कुल आय से है।

परिचालन अधिशेष = ( किराया + ब्याज + रॉयल्टी ) + लाभ


(iii) स्व - नियोजितो की मिश्रित आय - इसमें स्व - लेखा श्रमिको की कुल आय एवं अनियमित उद्यमो के सृजित लाभ शामिल होते है।


https://www.edukaj.in/2020/08/effect-of-corona-on-economy.html



(2) विदेशो से शुद्ध साधन आय - घरेलू साधन आय में केवल एक देश के निवासियों द्वारा सृजित आय ही सम्मिलित नहीं होती है , अपितु सीमाओं के अंदर गैर - निवासियों द्वारा सृजित आय भी सम्मिलित होती है । इसमें विदेशो से प्राप्त परिसंपतियों से आय एवं लाभ भी सम्मिलित होते है। विदेशो से शुद्ध साधन आय को एक देश के सामान्य निवासियों द्वारा शेष - विश्व को प्रदान की गई सेवाओं से प्राप्त आय में से शेष - विश्व द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के भुगतान को घटाने से प्राप्त किया जाता है ।


साधन आय अथवा आय विधि में कठिनाइयां व सावधानियां -


1. सभी हस्तांतरण भुगतानो का समावेश नहीं करना चाहिए।

2. निगम - कर लाभ का एक हिस्सा है , इसे अलग से राष्ट्रीय आय में सम्मिलित नहीं करना चाहिए।

3. गैर कानूनी आय , जैसे - तस्करी , जमाखोरी की आय को शामिल नहीं करना चाहिए।

4. आकस्मिक आय को शामिल नहीं करना चाहिए।

5. स्वामी के अपने कब्जे में इमारत का आरोपित किराया सम्मिलित किया जाना चाहिए।

6. पुरानी वस्तुओ के विक्रय से प्राप्त आय को समाविष्ट नहीं करना चाहिए।

7. मृत्यु - कर , उपहार - कर , संपति - कर , आदि का भुगतान भूतकाल कि बचत से किया जाता है , वर्तमान आय से नहीं । इसीलिए इन करो को राष्ट्रीय आय में सम्मिलित नहीं करना चाहिए।

8. वैयक्तिक प्रत्यक्ष कर कर्मचारियों के परिश्रमिक का एक हिस्सा है , इसीलिए इसे अलग से शामिल नहीं करना चाहिए।


अर्थशास्त्र को शुरुआत से समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :- 

https://youtu.be/T_ihkxjO_dA


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