google-site-verification=V7DUfmptFdKQ7u3NX46Pf1mdZXw3czed11LESXXzpyo समय का महत्व , Importance of time in Hindi Skip to main content

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What is the right in the Indian constitution? Or what is a fundamental right? भारतीय संविधान में अधिकार क्या है ? या मौलिक अधिकार क्या है ?

  भारतीय संविधान में अधिकार क्या है   ? या मौलिक अधिकार क्या है ?   दोस्तों आज के युग में हम सबको मालूम होना चाहिए की हमारे अधिकार क्या है , और उनका हम किन किन बातो के लिए उपयोग कर सकते है | जैसा की आप सब जानते है आज कल कितने फ्रॉड और लोगो पर अत्याचार होते है पर फिर भी लोग उनकी शिकायत दर्ज नही करवाते क्यूंकि उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी ही नहीं होती | आज हम अपने अधिकारों के बारे में जानेगे |   अधिकारों की संख्या आप जानते है की हमारा संविधान हमें छ: मौलिक आधार देता है , हम सबको इन अधिकारों का सही ज्ञान होना चाहिए , तो चलिए हम एक – एक करके अपने अधिकारों के बारे में जानते है |     https://www.edukaj.in/2023/02/what-is-earthquake.html 1.    समानता का अधिकार जैसा की नाम से ही पता चल रहा है समानता का अधिकार मतलब कानून की नजर में चाहे व्यक्ति किसी भी पद पर या उसका कोई भी दर्जा हो कानून की नजर में एक आम व्यक्ति और एक पदाधिकारी व्यक्ति की स्थिति समान होगी | इसे कानून का राज भी कहा जाता है जिसका अर्थ हे कोई भी व्यक्ति कानून से उपर नही है | सरकारी नौकरियों पर भी यही स

समय का महत्व , Importance of time in Hindi

 समय का महत्व 



समय जीवन है और समय को नष्ट करना जीवन को नष्ट करना है । एक आम कहावत है कि " जो समय को नष्ट करता है , समय उसे नष्ट कर देता है । "





समय का सदुपयोग विकास की कुंजी


        जीवन नदी की धारा के समान है । जैसे नदी की धारा ऊंची - नीची भूमि को पार करती निरन्तर आगे बढ़ती रहती है उसी प्रकार जीवन की धारा भी सुख - दुख तथा सफलता - असफलता के अनेक संघर्षों को सहते - भोगते आगे बढ़ती रहती है । बहना जीवन है और ठहराव मृत्यु । जीवन का उद्देश्य निरन्तर आगे बढ़ते रहने में है - इसी में सुख है , आंनद है । लेकिन सुख - आंनद और आगे बढ़ने में जो वस्तु काम करती है , वह है समय । जो भोगते हुए समय को पकड़कर इसके साथ - साथ चल सकते हैं , वही तो जीवन में कामयाब होते है । वस्तुत: समय का सदुपयोग ही विकास की कुंजी है ।


अमूल्य धन 


            अंग्रेजी में समय को ' धन ' कहा जाता है , पर समय ' धन ' से कहीं ज्यादा कीमती है , अमूल्य है । धन आज है , कल नष्ट हो गया , परसों फिर आ सकता है । लेकिन जो समय अतीत के गर्त में समा गया , लाख चेष्टा करने पर भी वह लौटकर नहीं आ सकता।  इसीलिए जितने भी संत - महात्मा हुए है , सभी  के समय मूल्य को पहचानने का उपदेश दिया है । समय जीवन है और समय को नष्ट करना जीवन को नष्ट करना है । एक आम कहावत है कि " जो समय को नष्ट करता है , समय उसे नष्ट कर देता है । " न जाने कितने पुण्यो के प्रताप से हमें मनुष्य जीवन मिला है ; अगर हमने इसे नहीं पहचाना तो बाद में पछताना - ही - पछताना बाकी रह जाता है । इसीलिए समय को पहचान कर काम करना चाहिए । कुछ लोग अपना आलस्य और अकर्मण्यता छिपाने के लिए प्राय: कहते सुने जाते हैं कि - " साहब ! क्या करें ? समय ही नहीं मिलता । " और अगर ऐसे लोगो की दिनचर्या देखे तो पता लगेगा कि जनाब 9 - 10 बजे तक सोते ही रहते है । जो इतना समय सोने में नष्ट कर देंगे , उनके पास अच्छे और अधिक काम के लिए समय ही कहां रहेगा ? सोना , सैर - सपाटे करना , आदि जीवन के आवश्यक अंग हैं , पर इनकी सीमा होनी चाहिए ।


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समय गतिशील - किसी की प्रतीक्षा नहीं करता 



            फ्रैंकलिन ने कहा था , " अगर तुम्हे अपने जीवन से प्रेम है , तो समय को व्यर्थ मत गंवाओ क्योंकि जीवन इसी से बनता है । " गतिशील समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता । " समय मानव के लिए ऐसा वरदान है कि जो इसका सदुपयोग करता है , उसके लिए यह खुशियों के तथा सफलता के ढेर लगा देता है और जो इसका दुरुपयोग करता है , उसे यह अवनति के ऐसे गहरे गर्त में फेंक देता है जहां से उभरना असंभव हो जाता है। संसार की बड़ी - से - बड़ी लड़ाइयों का भाग्य - निर्णय समय कर देता है । आज संसार में जिन व्यक्तियों को महान कहा जाता है , उनका जीवन - इतिहास इस बात का साक्षी है  कि उनका एक  एक पल गिना हुआ था । उनके प्रत्येक कार्य का समय तय था , क्योंकि वे जानते थे कि समय सदुपयोग ही सफलता की कुंजी है । हिंदी में एक कहावत है - " बीती ताहि बिसारि दे , आगे की सुध लेह " अर्थात् जो समय बीत गया , उसे भूलकर वर्तमान और भविष्य का ध्यान करो । 


हमारा कर्तव्य 


               हमारे देखते - देखते संसार के अन्य देश हमसे आगे और बहुत आगे निकल गए हैं । उनके यान चांद - सूरज की दूरियां नाप रहे हैं और हम अभी भी उनसे बहुत पीछे है । क्यों ? इस प्रश्न का एक ही उत्तर है कि उन्होंने समय को पहचाना है , उसकी कीमत को समझा है और दिन - रात मेहनत करके देश का निर्माण किया है । उन्हीं की तरह यदि हम समय कि कीमत को समझे तो प्राकृतिक संपदा से भरपूर अपने देश को अधिक समुन्नत और विकासशील प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है । मानवीय जीवन में समय का अत्यन्त महत्व है। 


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